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बचपन में जब खेल खेल में- हम यूँ ही लड़ जाते थे

Bhagyashree Singh 31 Aug 2023 कविताएँ अन्य #memory of childhood # brother and sister #Rakshabandhan special#like#Share#poem#hobby 12068 0 Hindi :: हिंदी

#रक्षाबंधन स्पेशल 😊

बचपन में जब खेल  खेल में,
हम यूँ ही लड़ जाते थे,
बात बात में एक- दूजे से,
गुस्सा हम हो जाते थे, 
कभी कभी चुगली भी हम , 
एक दूजे की कर आते थे,
एक दूजे को मम्मी पापा,
 से हम डांट खिलाते थे,
आज सभी पल अक्सर, 
इन यादों में आ ही जाते है 
आज वही बातों को करके ,
याद यूँ ही मुस्काते है,
बचपन में थे जब छोटे, 
तब ना था इतना ज्ञान हमें,
फिर भी दिखावा करते थे कि,
 सबसे ज्यादा ज्ञान हमें,
अक्सर हमारी बातों पर,
बढे बूढे भी हंस जाते थे, 
करो बढो का मान,
 बढे नैतिकता हमें सिखाते थे ।
आज समझते है कि वो,
 कितना हमें  लाड़ जताते थे,
आज वही बातों को करके ,
याद यूँ ही मुस्काते है,
बचपन में जब हम बार बार,
 गलती यूँ ही कर जाते थे ,
हमें अहसास करा गलती का
बढ़े माफ कर जाते थे, 
आपस में जब भी अक्सर,
एक दूजे से लड़ जाते थे ,
रहना है तुमको साथ साथ ,
हर स्थिति मे बढ़े बताते थे ,
जीवन में जब भी सुख - दुख 
के सैलाब नये आ जायेंगे,
 रहोगे तब तुम दो साथ साथ,
 ये वचन हमें दिलवाते थे,
 बचपन में थे नादान,
 नही ये बात समझ हम पाते थे,
पर अब लगता है जीवन का,
 वो हमको रहस्य बताते थे ।
आज सभी पल अक्सर इन, 
यादों में आ ही जाते है, 
आज वही बातों को करके ,
याद यूँ ही मुस्काते है l


                                         मेरी कलम से ✍️
                                          भाग्यश्री सिंह

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