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Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 7 months ago
हिन्दी वासी हैं हम
हिन्दी है हमारी
हम सब को लगती है बड़ी प्यारी।
हिन्दी की कहानी बड़ी लगती है दिलचस्प।
हिन्दी में कविता भी लगती है बड़ी मस्त।
हिन्दी वासी हैं हम
हिन्दी का काम है आदिकाल।
हिन्दी भाषा का काम है शिशुकाल।
हिन्दी वासी हैं… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 7 months ago
मेरी जिसको परवाह नहीं ,
हमको तो परवाह उसी का है |
यहां बातें मेरे गम का नहीं ,
पर बात उसकी खुशी का है|
दुआ है तुम हर पल खुश ही रहो,
क्योंकि सारी दुनिया तो इसमे ही है |
ना तुम सोचना, कोशिश… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 8 months ago
तब जाकर के तुम मदर्स डे मनाना ।
जिस दशा में उसने तुम्हारे बचपन को संभाला है ,
बिना तेल वो दिये सी जलती सूर्य से तेज उजाला है ,
हर रिश्ते की बदली होती ये रिश्ता सबसे निराला है।गांव में अकेली…
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Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 10 months ago
बेटी तुम अंगार बनो
नभमंडल भू, जग विकास में,
रक्षक बन अपने विनाश में।
लक्ष्य साधना की सीमा पर,
नवनिर्मित तलवार बनो।
युद्धों का हुंकार बनो । बेटी तुम अंगार बनो।।
जग के सम्मान सुदर्शन में,
अपने मोहित आकर्षण में।
संघर्षों में बिखर रही नित,
कुल गरिमा… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 10 months ago
शायद मैं हुआ पागल ,
आप के अनसुलझे अंदाजों में ,
छुडा नहीं सकता अब पागलपन है,
पंडित हो या जांबाजों मे l
बंधा हुआ हूं ,मैं उम्मीदों पर ,
उम्मीदें पर ही टिकते हैं |
देखता हूँ हर एक परिंदों को
पर ,सब में… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 10 months ago
जिनका हौसला कुछ कर गुजरने का हो
,
वो डरते नहीं तूफ़ान से उम्मीद,जिनके दिल में घर कर गयी,
उन पर क्या फर्क पड़ता है,चट्टान से, जिनके इरादे हो कुछ कर दिखाने के,
वो खेल जाते है अपनी जान पे, जिनके सपने कामयाबी…
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Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 10 months ago
शायद मैं हुआ पागल ,
आपके अनसुलझे अंदाजों में ,
अब निकाल नहीं सकता ,
पंडित हो या जांबाजों में,
बंधा हुआ हूँ उम्मीदों पर ,
उम्मीदें ही दिखते हैं ,
देखता हूँ हर एक परिंदे को ,
सब में आप ही दिखते हैं ,
कभी मित्रता… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 10 months ago
मत तुम इतना तंग कसो,
जीवन मेरा अभी कहीं है ,
अपना जीवन मैं खुद निखारूं
दीन मुझ पर अभी बनी है ,
निराशा का सूरज यूँ ढलेगा,
मेरा भी एक दिन समय बदलेगा |बोलो, जब तक समय है बोल,
तेरे हद तक तू मुझे… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 10 months ago
मैं तो कभी बतलाता नहीं,
पर अंधेरे से डरता हूँ माँ ,
यूं तो दिखलाता नहीं ,
पर तेरी परवाह करता हूँ माँ ,
मैं तो यही समझता हूँ माँ l
दुनिया की भीड़ मे छोड़ो न मुझे,
लौट के भी न आ पाऊँ माँ,
भेज… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 11 months ago
माँ की गोद में सोना , छोटी छोटी बात पर रोना
वो रिमोट से चलने वाला खिलौना | मिस करते हो की नहि ,
वो दूध मलाई की कटोरी, वो बारिश में जीभ चटोरी
मम्मी का स्कूल के लिए जगाना , स्कूल… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 11 months ago
मेरे दुआओ का असर दो देख,
तू किया से किया हो गया।
मैं जमी पे सजदा करता रहा,
और तू पत्थर से भगवान बन
गया।
कैसे कहूँ इश्क ने बर्बाद किया
?
शायर बना तूने मुझे आबाद
किया।
हम एक ना हूए किस्मत की
बात है,
तू अवाड व टाफी… -
Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 11 months ago
मन भाव विभोर है जाने किस ओर है
कश्मीर कश्मीरियत से जानी जाती थी
अब हैवानियत से जानी जाती है ,
वो बर्फ की चादरे मैली दिखती है
कश्मीर अब खूनो से सानी जाती है ।
चिनाब के बहाव के साथ
राजाओं के युद्धो की…-
really good articel dominoqq
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Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 11 months ago
में एक अकेली लड़की मुझ पर सो सवाल उठाये जाते है
क्यो इज़्ज़त अस्मत के परचम मुझ ओर पहराये जाते है
क्यो गंदी नज़रों से बचकर मुझको चलना पड़ता है
क्यो जीते जी इस दुनिया मे मुझकों मरना पड़ता हैमाँ के गर्भ…
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Ravi Kumar wrote a new post 2 years, 11 months ago
मेरी जिंदगी एक अजीब इत्तेफाक है
ओर कुछ भी नही कंही सिर्फ आत्मविश्वास हैकुछ करने का हौसला है कुछ करने की उमंग
उड़ती है और जज्बों से किरणों की तरंगकैसा अजीब जाने मुझको हुनर है आया
जाने पड़ा है मुझ ओर किस… -
Ravi Kumar wrote a new post 3 years ago
किताबो से अगर तुमने दोस्ती कर ली
ना कोई रोक पायेगा ना रुक पाओगे तुमजंहा की उम्मीद बसाई है अपने मन मे
बहां से भी बहुत आगे पहुँच जाओगे तुमकिताबो ने तो सारी श्रष्टि को बदल डाला
किताबो ने दुनियां में अविष्कार… -
Ravi Kumar wrote a new post 3 years ago
असफलता से डरना नहीं है
झुकना नहीं है
ज़िन्दगी में आगे बढ़ना है
बस चलते रहना है .
लोग जो भी बोले
उनको सुनना नहीं है
बस जो सही है
हमारे लिए वो हमे करना है
बस आगे बढ़ना है
जितनी भी विपरीत परिस्थिति हो
हमें पीछे नहीं मुड़ना… -
Ravi Kumar wrote a new post 3 years ago
पवित्र गीता अध्याय 9 के श्लोक 23, 24 में कहा है कि जो व्यक्ति अन्य देवताओं को पूजते हैं वे भी मेरी (काल जाल में रहने वाली) पूजा ही कर रहे हैं। परंतु उनकी यह पूजा अविधिपूर्वक है(अर्थात् शास्त्रविरूद्ध…
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Ravi Kumar wrote a new post 3 years ago
देखो मायुश है वो अपनी बहन से बिछ्ड़ा भाई,
साथ मे है सिर्फ उसकी यादें,
और है तन्हाई,
देखो मायुश है वो अपनी बहन से बिछ्ड़ा भाई।बड़ा अच्छा लगता था उसे अपनी बहन के साथ समय बिताना,
उसका सताना,
और रूठ जाने पर एक… -
Ravi Kumar wrote a new post 3 years ago
डीयर जिन्दगी,
वक्त बेवक्त यु खुशी के ख्वाब दिखाना छोड दे
पल पल मुझे यूं तडपाना छोड दे,
चाहे बंद कर दे सांसे मेरी
पर मेरे पुराने जख्मो को फिर से गहराना छोड दे
ऐ जिन्दगी
यूं तु मुझे फिर से रुलाना छोड दे।माना बेबस…
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Ravi Kumar wrote a new post 3 years, 1 month ago
प्रशासन ने लाँन्ग दी नैया मानव के खयालो की
क्या खूब कमाई होती है नेता और दलालो कीचारो तरफ अपराध हो रहे कैसा डंका वाज रहा
अपराधी अब इस दुनिया पर आनंद से कर राज रहामुज़रिम देखो यंहा घूमते वर्दी की…
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Very nice poem