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सन्नाटा-हर रात कोशिश करता हूँ,खुद को मसरूफ़ रखने की

Mukesh Namdev 28 Nov 2023 शायरी प्यार-महोब्बत सन्नाटा,कोशिश,रात,मसरूफ़,आँसू,कलम 17403 0 Hindi :: हिंदी

"सन्नाटा"
"हर रात कोशिश करता हूँ,खुद को मसरूफ़ रखने की उलझे हुये कामों को पूरा करने में,मगर एक वक्त के बाद इस रात में एक अजीब-सा सन्नाटा होता है,मेरी हाथों की उंगलियाँ खुद व खुद कलम को छोड़कर पता नहीं कब शराब की तरफ बढ़ जाती है,और तुम्हारी यादें आँसू बनकर पता नहीं कब आँखों से छलक पड़ती हैं"
                    #Mukesh Namdev

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