संदीप कुमार सिंह 08 Oct 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4103 0 Hindi :: हिंदी
सांस की जरूरत है जिन्दगी के लिए, आंख की जरूरत है देखने के लिए। दोस्त की जरूरत है जीने के लिए, हवा की जरूरत है सांसों के लिए। चांद की जरूरत है चांदनी के लिए, रात की जरूरत है आराम के लिए। दिन की जरूरत है काम के लिए, शाम की जरूरत है प्यार के लिए। दुआ की जरूरत है आयु के लिए, प्यार की जरूरत है खुशी के लिए। खुशी की जरूरत है बढ़ने के लिए, बढ़ने की जरूरत है नाम के लिए। नाम की जरूरत है मिसाल के लिए, मिसाल की जरूरत है समाज के लिए। समाज की जरूरत है देश के लिए, देश की जरूरत है विकास के लिए। विकास की जरूरत है सुख के लिए, सुख की जरूरत है आनंद के लिए। आनंद की जरूरत है धर्म के लिए, धर्म की जरूरत है सृष्टि के लिए। सृष्टि की जरूरत है सृजन के लिए, सृजन की जरूरत है कला के लिए। कला की जरूरत है सादगी के लिए, सादगी की जरूरत है स्वास्थ्य के लिए। स्वास्थ्य की जरूरत है धन के लिए, धन की जरूरत है साधन के लिए। साधन की जरूरत सुख के लिए, सुख की जरूरत है खुदा के लिए। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....