Pankaj Kumar Boorakoti 30 Mar 2023 शायरी समाजिक #माँ 46089 0 Hindi :: हिंदी
माँ और बेटी का रिश्ता चाहे कितना भी प्यारा हो, लेकिन एक बेटी माँ बनकर भी अपनी माँ का दर्द नहीं समझ सकती. लेखक पंकज कुमार बुड़ाकोटी
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