Mohammed fejaan 30 Mar 2023 शायरी दुःखद गूगल 9073 0 Hindi :: हिंदी
शायरी नंबर 13 मैं अरज करता अरे हम किसी के बेहकाएँ मैं आकर अपने घर बेहकाएँ. का नास नहीं करते अरे हम किसी के बेहंकाएँ मैं आकर व्यपने घर का बास नहीं करते हैं। अर अब तो हमने भी सीख लिआ है। लोगो को बेहकाने का और जब लड़ाई होती हैंतो मुझे देखने में बहुत ही मझा हैं। हॉ हाँ,, मोहम्मद फैजान सिद्धिकी हरियाण सी.टी पानीपत गांव नूवाला 25 फूटा रोट ईन्दा विहार कॉलोनी वार्ड न0 2,
I , am Mohammed fejaan my father name rais ahamad and mathar name vasila...