Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #bachhapan per kavita 8291 0 Hindi :: हिंदी
कविता -मेरा बचपन मेरे बचपन का वह एक जमाना था ना दुख का ना गम का बस खुशियों का खजाना था। दिन भर के भाग दौड़ में ना जाने किसकी चाहत में ना सुबह ना शाम का ठिकाना था। मेरे बचपन का वह एक जमाना था। ना गम था ना दुःख था मस्ती के उस हर पल में ना हंसने का भी कोई बहाना था। मेरे बचपन का वह एक जमाना था। बचपन के वो खास पल हंसी खुशी से भरा सुबह और शाम सा सुहाना था। मेरे बचपन का वह एक जमाना था। कभी सिपाही तो कभी चोर कभी दुश्मन तो कभी दोस्त दिन- बा- दिन मस्ती का क्या पैमाना था। मेरे बचपन का वह एक जमाना था। चूहा बिल्ली की कहानी राजा रानी वाले किस्से मां के लोरी का क्या तराना था। मेरे बचपन का वह एक जमाना था। दादा- दादी,चाचा- चाची सबका प्यारा प्यारा गोदी सब कोई प्यार का दिवाना था। मेरे बचपन का वह एक जमाना था। साग भात पसावन छाछ कितना सुन्दर कितना बेहतर साथ बैठ कर खाने का क्या फ़साना था। मेरे बचपन का वह एक जमाना था। अब ना आयेगा बचपन ना बचपन का वह पल आज जैसे न केवल, जीवन निभाना था। मेरे बचपन का वह एक जमाना था। रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...