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मंजिल नजर नहीं आती- फिर भी न जाने क्यूं

Meenakshi Tyagi 01 Jul 2023 शायरी अन्य Deepika Sharma 6491 0 Hindi :: हिंदी

न ही हौंसले कम हुए
          और न ही हिम्मत टूटी
           फिर भी न जाने क्यूं 
        मंजिल नजर नहीं आती है।

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