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Shreyansh-Jain wrote a new post 5 days, 21 hours ago
आसमान है रंग- बिरंगा चारों ओर छतों पर खुशियाँ लहरायी है,मगर मेरे मन की कुछ व्यथा इस मकर संक्रांति के त्यौहार में समायी है,मेरे कुछ बेजुबान के दिलों में संकट की घडियाँ छायी है,इस त्यौहार ने मेरे ना जाने…
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Shreyansh-Jain wrote a new post 1 week, 1 day ago
संस्कृति से खुलेआम खेल रहा है इंसान,
चकाचौंध की दुनिया में जाकर भुल रहा अपनी पहचान,
संस्कृति अब इंसान से नहीं बच पा रही है,
इंसान के दिल में अब पश्चिमी संस्कृति जो भाती जा रही है ।
ताप-तपस्या ओर बलिदानो की इस… -
Shreyansh-Jain wrote a new post 1 week, 2 days ago
अपना रूप हमेशा दिखाती है प्रकृती,
कभी धूप तो कभी छांव का अहसास कराती है प्रकृति,
हर मौसम में भी जीवन जीना सिखाती है प्रकृति,
हमारी भूख-प्यास भी मिटाती है प्रकृति।
कभी बारिश तो कभी चांदनी की रोशनी दिखाती है प्रकृती,
समय-समय पर अपने… -
Shreyansh-Jain wrote a new post 1 week, 3 days ago
हिन्दी भाषा नहीं मेरी माँ का यह एक स्वरूप है,
नफरत भरी इस दुनिया में मोहब्बत का एक रूप है,
समां बांधा है इसने मेरे दिल के हर एक कोने में,
मुझे प्यार से जीवन जीना सिखाया है हिन्दी भाषा ने।
कम्बखतो ओर… -
Shreyansh-Jain wrote a new post 2 weeks, 3 days ago
आहो दिल से रावण भगाएँ एक प्यार का मन में दिया जलाएँ,
अंहकार में चकनाचूर जब रावण अपना आपा खोता है,
अपने घमंड में रहकर वह हर रिश्ते को शर्मसार करता है,
ऐसे रावण का तुम दिल से अब बहिष्कार करो,
अपने दिल… -
Nirdosh-Kumar and
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Abhishek-Raj-Verma and
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Divyansh-Singh and
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Chandresh-verma and
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Arman-Sharma and
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Shreyansh-Jain wrote a new post 2 weeks, 6 days ago
जन्म हुआ था तब ना हम कुछ समझ पाते थे,
जो हमें प्यार देता था हम उसके ही हो जाते थे,
कुछ बड़े हुए तो इन धर्मो की जंजीरों ने हमें जकड़ लिया,
हम जैसे बच्चों को भी हिन्दू-मुस्लिम का ज्ञान दिया… -
Shreyansh-Jain wrote a new post 3 weeks ago
प्यार, मोहब्बत ओर खुशियों से जीवन सजेगा फिर से,
यह अंधकार का बादल सबके जीवन से छटेगा फिर से,
संस्कृति ओर सम्मान का इस बार नववर्ष से बोलाबाल होगा फिर से,
यह नववर्ष सबके दिल में खुशियों की झोली भरेगा फिर से।
फिर… -
निशा सैनी and
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Shreyansh-Jain wrote a new post 3 weeks, 1 day ago
जिंदगी जीने का सलीका मुझे नहीं आता,
मौत से भी जीत जाऊ ऐसा कोई दाव खेलना मुझे नहीं आता।
आये हो जिंदगी मे किरदार निभाने तो अच्छा अभिनय करके जाओ,
भेजा है उपर वाले ने तुम्हें अच्छे कामों के लिए तो एक… -
Shreyansh-Jain wrote a new post 3 weeks, 2 days ago
कितना अकेला हूँ मैं, खुद को कितना सहता हूँ मैं,
रोज मरता हूँ मैं, रोज अपने को मारता हूँ मैं,
दुनिया की इस जदोजद मैं ना रहता हूँ मैं,
अपने ही सपनों की दुनिया में रोज मरता हूँ मैं ।
कितना अकेला हूँ… -
Shreyansh-Jain wrote a new post 1 month ago
अपने दिल की सारी व्यथा एक कागज पर लिख डालो,
लिखकर फिर उस कागज को दिल से पढकर जला डालो,
अपनी सारे मन की जिज्ञासा को एक खोने में दफना डालो,
शांति तुम्हारे कदम चूमेगी अपने लक्ष्य का फोटो मन में लगा… -
Shreyansh-Jain wrote a new post 1 month ago
तुम्हारे चहरे पर ताजमहल सी नूर उतरती है,
तुम्हारी आँखों से प्यार की दरिया बहती है,
तुम्हारी चहरे की मुस्कान के आगे दूनिया की हर खुशी फिखी लगती है,
तुम्हारे चहरे की जब दिल में तस्वीर ऐसी उतरती है।
तुम नहीं हो रूस्तक… -
story-telling and
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Shamsuddin and
Shreyansh-Jain are now friends 1 month ago
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Shreyansh-Jain wrote a new post 1 month ago
जब तक था काम मुझसे
मैं दिल जुबां पर रहता था,
उससे हर मुलाकातों पर
मेरे ही किस्से सुनता था,
हर बार मुझे वो
कोई ना कोई अपना काम बताता था,
काम उसका हो जाने पर वो
मुझसे रूख भी नहीं मिलाता था,
मतलबी है दुनिया साहाब
में…
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Bhut khub