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"दिवाली की छुट्टियां"

Aarti Goswami 15 Apr 2024 कविताएँ हास्य-व्यंग दिवाली पर कविता, दिवाली हास्य कविता, 976 0 Hindi :: हिंदी

"दिवाली की छुट्टियां"

छुट्टियों और मिठाइयों से भरा
मस्ती और उमंग का त्यौहार
पर समस्या तो तब होती
जब मम्मी ये बोल देती 
तुम्हारी छुट्टियां हो गई
अब तुम्हे सफाई करनी हैं 
उस समय छुट्टियों की खुशी तो
पेड़ पे बैठे पंछी के जैसे लगती हैं 
मम्मी के बोलते ही उड़ गई
अब सफाई करनी पड़ गई 
वैसे त्यौहारों पे बाजारों में
सेल तो यहां वहां ऐसे बिछी
जैसे मानों बिकने के लिए
सड़को पे आधे दाम खड़ी
खैर त्यौहारी सेल हैं
जहां दीपक की रौशनी हमेशा 
खुशियों में चार चांद लगा देती हैं 
वहां अब रंग बिरंगी लाइट ना लगे
तो खुशियां अधूरी सी रहती हैं 
क्या करे समय का प्रभाव हैं 
अब त्यौहार हैं और मिठाई ना हो
ऐसा तो हो नहीं सकता 
वैसे मिठाई तो घर पे 
कई प्रकार की रहती हैं 
पर हमारे मन को वही भाती हैं 
जो हमारी पसंदीदा होती हैं 
क्या करे पापी पेट ने मन को
वश में जो कर रखा हैं 
             ~आरती गोस्वामी ✍️

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