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कर्मों में श्रेष्ठ कर्म- आत्मज्ञान

मोती लाल साहु 01 Sep 2023 कविताएँ अन्य कर्म, श्रेष्ठ कर्म, आत्मज्ञान, स्वरूप ज्ञान, गुरु ज्ञान, स्वरूप बोध, प्रभु नाम स्मरण, प्रभु का गुणगान, सत् नाम जपना 16480 0 Hindi :: हिंदी

"कर्मों में श्रेष्ठ कर्म-आत्मज्ञान!"

गुरु चरण में झुका सर,
बोध स्वरूप का कर,,
हुनर बाज़ दिया है दान, 
हृदय धरा मुक़ाम..!!

साधना करो कपट बन्द, 
अज्ञान ताला खोल,,
मिलेगा प्राण में नूर, 
है ख़ुदा तेरा ख़ुद..!!

बिन साज़ उठे झंकार, 
चले बिन स्वर के सुर,,
सांस झुला में झुला-झुल,
बाजे बेहद तूर..!!

जान यह है आत्म ज्ञान, 
कर्मों में श्रेष्ठ कर्म,,
ए-घट-टपके अमृत बूंद
बुझे जन्मों का प्यास..!!

जो गहे वचन वो संत,
गाता वह प्रभु गुण,,
सोवत-जागत नाम गुण,
जपता वह सत् नाम....!!!!

"कर्मों में श्रेष्ठ कर्म-आत्मज्ञान!"
-मोती

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