Saltnat Panwar 06 Jun 2023 ग़ज़ल देश-प्रेम Aurat aaj bhi aajad nahi 6587 0 Hindi :: हिंदी
नर की तरह जो लड़ी वो झाँसी की रानी थी, ममता के लिए तरह कुर्बानी दी वो पन्ना धाय थी, शिक्षा के लिए लड़ी वो मलाला यूसुफजई थी, अंतरिक्ष म जो गई वो कल्पना चावला हमारी थी, जो ना लड़ी सदियो से खुद के लिए, अफसोस वो भी नारी थी, शक्ति के नौ रूप है नारी फिर भी सबसे है हारी, पूरा आसमान है चिड़िया का, पर अफसोस शिकारी तो अभी बाकी है, भारत आजाद हो गया गुलामी से पर यहां औरत की आजादी अभी भी बाकी है।