Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #kitaab per kavita #rambriksh Ambedkar Nagar poetry #kitaab per kavita rambriksh Ambedkar Nagar 87852 0 Hindi :: हिंदी
कविता -किताब गले लगा लो उस पुस्तक को जिसने बदल दिया तकदीर एक नहीं हर जनम जनम तक पूजवाया सबका तस्वीर पुस्तक नहीं यह ज्ञानदायिनी भाग्य संवारे भाग्यवाहिनी भरी खजाना हर पन्नें में लूट सको तो ले लो लूट। मित्र सहेली बड़ी निराली तन मन से हर लेती झूठ जीवन के सपनों की आशा रखती है विश्वास भरोसा ध्वनि सिखाती खूब पढ़ाती ध्वनि से बन जाती है भाषा जीवन का अनमोल खजाना ज्ञान बुद्धि की है परिभाषा इतिहास यही विज्ञान यही है देश विदेश का ज्ञान यही है मात पिता की सपना है यह जड़ चेतन संज्ञान यही है बने वैज्ञानिक डाक्टर साहब सपनों का भंडार यही है यार दोस्त अपने अपनों का सबका ही अरमान यही है आइना सा वह खुल जाती है जीवन सी सब कह जाती है इसमें जीवन का सार भरा है राज भरा , आवाज भरा है ज्ञानों का भंडार भरा है सच में सारा संसार भरा है न धर्म जाति न छुआ छूत सारे रिस्तें इमान भरा है गंगा यमुना सी पावन यह जिसमें शास्त्र विधान भरा है काली चींटी की रेखा सी परिश्रम का सोपान भरा है रचनाकार -रामबृक्ष अम्बेडकरनगर
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...