Nasima khatun 26 Apr 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 8719 0 Hindi :: हिंदी
मुझे देख कर पापा के आंखों में आसूं भर आए हैं मां तसल्ली रखें हुएं पापा हौसला सम्भाले हुए हैं खानें के लिए मां मुझे तोते की तरह समझाया करती है न जाने कितनी रात पापा मेरे ईलाज के लिए जागे हैं एक लाने को कहते दो लाते मन की बात तुरंत जान जाते हैं ऐसा क्यों थे न जाने सबकी भावनाओं का कदर करते हैं दिनभर मेहनत करके हमारी ख्वाहिशों को पुरा करते हैं दिल गमो से भर चुके है लेकिन लबो पर उफ तक न आते है बेटी सयान होते ही पिता का बोझ बढ़ जाता हैं हमारी खुशियों और पढ़ाई के लिए दुनिया से लड़ जाते हैं उम्र होने के बाद भी हम सब को संभाले हुए हैं वे अभी भी हमारी हौसला बन कर खड़े हुए हैं