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क्षमा वह धन है जो सब की तिजोरी में नहीं होती

Preeti singh 19 May 2023 कविताएँ अन्य सदा क्षमाधन का संचय करना 5582 0 Hindi :: हिंदी

क्षमा वह धन है जो सब की तिजोरी में नहीं होती उसकी उम्मीद हर किसी से मत करना ।
क्षमा सिर्फ वही कर सकता है जिसने तुम्हारी गलती के वक्त तुम्हारी गलत किए कार्यों से दुखी हुआ हो

 तो व्यक्ति स्वयं तुमसे घृणा करेगा वह तुम्हें क्षमा जैसा बड़ा दान नहीं दे सकता ।

इसलिए सदा व्यक्ति के कर्मों को ध्यान दो बाकी तो सब में वही इंसान का मन है ।

व्यक्ति के गलत और सही कार्यों से उसका संपूर्ण चरित्र बदल जाता है अतः तिजोरी में इस क्षमाधन का संचय करना।

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