नवीनतम प्यार-महोब्बत रचनाएँ
सुकून पाती हूं
कविता पेटशाली
जब, कभी जमाने से दिल नहीं मिलता,आईने से नज़र मिला लेती हूं,तब कहीं बहुत सुकून पाती हूं,बहुत सुकून पाती हूं,,।।कविता प
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शेर
फूल गुफरान
जिंदगी मै मौहब्बत का अगर इनाम दे कोई
चाहतो को मेरी इश्क का पैगाम दे कोई।।
वो लूट ले मेरी आँखों के ख्वाब रातो को
जिं
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शेर
फूल गुफरान
जिंदगी मौत के बदले मै शिफा मागेगी ।
कौन देगा उसे मौत के बदले मै शिफा यहाँ।।
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जो गुजरी राह से
कविता पेटशाली
शिला पर नाम लिखा किसी ने कविता,अधुरा छोड़ दिया जो गुजरी मैं उस राह से , फिर लौटकर आना होगा वापिस इस मुकाम पर कहकर,शीर्
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