Raj Ashok 11 Jan 2024 शायरी हास्य-व्यंग पतझड़ 15638 0 Hindi :: हिंदी
पेड़ों से गिरते पत्तों को देख अहसास हुआ। अभी मौसम पतझड़ का है। अभी वक्त सब्र का है । ये इन्तजार जरूरी है। ये इम्तिहान जरूरी हे। जब हालात् बदले तो सब बदल जाएऐगे ।
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Jai jai ho...