Preksha Tripathi 22 Jun 2023 कविताएँ अन्य 5927 1 5 Hindi :: हिंदी
कलम कलम में कविता का अंश दिखाई पड़ता है। अधर अधर से कविता का नवकुंज् सदा ही झड़ता है।। काव्यबद्ध हो जीवन तो, यूँ भाव सरल हो जाते हैं। अधर रसों से भीगें तो पाषाण तरल हो जाते हैं।। कलम चूमती पन्नों को तो तरुणाई आ जाती है। भावातल में नर्तन से अरुणाई सी छा जाती है।। काव्य बद्ध लेखनी से प्रेक्षा त्रिपाठी ✍️
9 months ago