कविता पेटशाली 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत 71528 0 Hindi :: हिंदी
आज भी मेरा सीना भले ,तेरे ,नाम का होगा,। पर मेरा ,जीना , अपने स्वाभिमान का होगा,।। बिखरे सीसे की क्या ,?भनक सुनते हो,। टुकड़ों में देखना ,ज़रा खुदको ,तुम कितने गहन दिखते हो,। शायराना मेरी जिन्दगी, की ,बस, इतनी ,तलाश थी तुमसे,। मैं,साथ रहूँ ,और मेरे बाजू में खड़ा इंसान ,एक चट्टान हो जाए,। कहीं कर ही देना था ,दफन मुझे ,। ओढ़ा ही देते, फिर ,इक कफ़न मुझे,। कैसे ,?भुले तुम । अधजली कविता हाथ नहीं आती,। मगर छोड़ के अपने वजूद को ,। आदतन ,किसी को भी मौत नहीं आती,। सर पर हाथ अपना तो फिराते होगे न तुम । मगर हमसफ़र वाली बात ,। करके अकेला अपनों को,। फिर खुशनुमा दिन~ रात नहीं आती,। पल भर की हवा सुहाती होगी तुम्हें,। हां ,नहीं है ,अब कोई देखने वाला तुम्हें,। पर नामुराद तुम्हारी ये बेवफाई,। पर्दे में बहुत शर्माती होगी ,,।। कविता पेटशाली ✍️💔🌺🌸🌸🌹
Writing poem ~~most like than Hindi shahitya🖋️📒💝🌺🌺🌺🌺🌺🌺shahitya lover ,...