संदीप कुमार सिंह 22 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4973 0 Hindi :: हिंदी
चाहत अनुपम जब रखें,कुछ तो हो बदलाव। डालो बदल कुरीति को, रखें सदा सद्भाव।। छोड़ें मत अधिकार,छीन लें अपने हकको। बनकर दिव्य मिशाल,ज्ञान दें विषेश सबको।। रहिए खुशी मिजाज,मिले तब सबको राहत। देंगें सब आशीष,पूर्ण होंगें सब चाहत।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....