Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

कश्मकश

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद Google 86571 0 Hindi :: हिंदी

अजीब सी कश्मकश में फंसी हूं
पास होकर भी कितनी दूर हूं
मेरे दर्द का एहसास भी ना है तुझे 
फिर भी आस तुझी से लगा बैठी हूं
आंखों में है पानी,दिल में है बेचैनी 
फिर भी खुशी तुम्हीं से मांग रही हूं
सब कुछ जानकार भी अनजान बनकर
तेरे दिल में अपनी जगह बना रही हूं।
      धन्यवाद

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: