DINESH KUMAR KEER 09 Jul 2023 कहानियाँ समाजिक 10136 0 Hindi :: हिंदी
स्त्रियां बाथरूम मे जाकर कपड़े भिगोती है: बच्चो और पति की शर्ट की कॉलर घिसती है; बाथरूम का फर्श धोती है ताकि चिकना न रहे: फिर बाल्टी और मग भी मांजती है: तब जाकर नहाती है और तुम कहते हो कि:::::: स्त्रियां नहाने में कितनी देर लगातीं है स्त्रियां किचन में जाकर सब्जियों को साफ करती है तो कभी मसाले निकलती है बार बार अपने हाथों को धोती है आटा मलती है बर्तनों को कपड़े से पोंछती है वही दही जमाती घी बनाती है और तुम कहते हो खाना में कितनी देर लगेगी स्त्रियां बाजार जाती है एक एक सामान को ठहराती है अच्छी सब्जियों फलों को छाट ती है; पैसे बचाने के चक्कर में पैदल चल देती है; भीड में दुकान को तलाशती है; और तुम कहते हो कि इतनी देर से क्या ले रही थी; स्त्रियां::::;; बच्चो और पति के जाने के बाद चादर की सलवटे सुधारती है; सोफे के कुशन को ठीक करती है सब्जियां फ्रीज में रखती है; कपड़े घड़ी प्रेस करती है; राशन जमाती है; पौधों में पानी डालती है कमरे साफ करती है; बर्तन सामान जमाती है; और तुम कहते हो कि दिनभर से क्या कर रही स्त्रियां ::: कही जाने के लिए तैयार होते समय कपड़ो को उठाकर लाती है: दूध खाना फ्रिज में रखती है बच्चो को दिदायते देती है: नल चेक करती है दरवाजे लगाती है :: फिर खुद को खूबसूरत बनाती है ताकि तुमको अच्छा लगे: और तुम कहते हो कितनी देर में तैयार होती हो : स्त्रियां बच्चो की पढ़ाई डिस्कस करती: खाना पूछती : घर का हिसाब बताती: रिश्ते नातों की हालचाल बताती : फीस बिल याद दिलाती और तुम कह देते कि कितना बोलती हो स्त्रियां दिनभर काम करके थोड़ा दर्द तुमसे बाट देती है: मायके की कभी याद आने पर दुखी होती है: बच्चों के नंबर कम आने पर : परेशान होती है थोड़ा सा आसू अपने आप आ जाते है : मायके में ससुराल की इज़्ज़त ससुराल में मायके की बात को रखने के लिए कुछ बाते बनाती और तुम कहते हो की स्त्रियां कितनी नाटकबाज होती है पर स्त्रियां फिर भी तुमसे ही सबसे ज्यादा प्यार करती है।