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हृदय की व्याकुलता

Ajay kumar suraj 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद #कविताएं #ग़ज़ल #गीत #शायरी #आलेख #हृदय-की-व्याकुलता #धार्मिक #हास्यव्यंगय #राजनीतिक #प्यार-मोहब्बत #बाल-साहित्य # हृदय की व्याकुलता #google 58435 0 Hindi :: हिंदी

  हृदय की व्याकुलता  


मन हुआ है सागर मेरा,लहरों का सैलाब है भारी |

डूब जाता मै अकिंचन,पड़ी दरिद्रता भारी भारी ||

दुःखमोचन, संकटमोचन नाम कल्पना लगता है |

कैसे करू स्मरण तेरा ,राम कहने में खर्चा लगता है ||

जेब है खाली,हु नंगे तन ,भूखे पेट सोता हूँ |

बेगारी,लाचारी,बीमारी है घेरे, रात दिन मै रोता हूँ||

देशप्रेम,रामप्रेम, बन्धुत्व का सपना झूठा लगता है|

खुद टूटा हूँ ही ,क्या करू सहायतार्थ बच्चे सा बेबस लगता हूँ||

जो देने वाले थे रोटी,मेरा हक़ भी खा बैठे है|

एसी वाले कमरे में मयखाने का जाम चढ़ाए बैठे है||

फुरसत मिलेगी उनको तो मेरी चिता पर रोटी सकेंगे |

बड़े देशभक्त है ,पहरेदार है जनता के लम्बी लम्बी फेकेंगे ||

न धर्म रहा न ईमान रहा मज़बूरी में इसे गंवाया है |

तुम तो बन बैठे हो मेरे जैसे, खुद को साहूकार बताया है ||

दशा देख इस देश की इतिहास भी शर्मसार हो जाता है |

इन सफेदपोस राहू केतु द्वारा सूरज पर  भी ग्रहण लग जाता है ||

                     
                       अजय कुमार  सूरज

  

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