Kanhaiyalal 12 Apr 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत 1475 0 Hindi :: हिंदी
दूरियों के दरख्त🌱 अब बढ़कर जंगल हो चले🌴🌳🌲 भीतर होंगे गुल🌻,कलियां🌱,गुलाब🌹,पंछी🕊️,नदी🏞️,झरने🌊,पहाड़ 🏔️ क्या इनसे गुजर कर मिल पाऊंगा मैं👩❤️👨 हमेशा,हमेशा के लिए दिल इस बात पर लगा है डरने हवाओं से दरख्वास्त🌳करता हूं मेरे कांटो🌵भरे राह को साफ कर एक राह है बस एक राह🛣️ मिले मुझे जो तुम 🏘️तक ले जाए मुझे🤵 लेखक K.L.जलन्धरा
Kanhaiyalal jalandhra was born10 oct 2004 at harkhewala. It was intimate contect with nature and lo...