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उड़ान

Rahul verma 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत उड़ान / राहुल वर्मा/ नीर 9828 0 Hindi :: हिंदी

क्यू रोता है ऐ-नीर, यहां पंख निकलते ही परिंदे उड़ान भरते है,
.
भनक लगी है तेरी खनक की उन्हें, तभी वे दरिंदे कान भरते है,
.
और ये जो रिश्तो के चक्कर मे जुबान नही खुलती तेरी,

तो दूर चला जा उन रिश्तो से.....,
.
क्योंकि वे जिंदो को ही मारते है, मरे हुए में कौनसी जान भरते है।

☹️☹️☹️

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