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पापा की दुआऐं ।

Shakuntla Sharma 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक # दूर गगन में एक तारा बनकर# उम्मीदो के दीप जलाकर 19462 0 Hindi :: हिंदी

दुर गगन में एक तारा बनकर में चमकता रहता हूं 
तेरी राहों में हजारों  उम्मीदों के दीप जलाकर
ढेरो दुआएं देता हूं। 
दूर गगन में एक तारा बनकर------------------------
कभी हवा का झोंका बनकर तेरे बदन को 
छुता रहता हुं ' ।
कभी सांसों की खुशबु बनकर तेरी सांसो को
महकता रहता हुं ।
दूर गगन में एक तारा बनकर-------------------------
सच्चाई के पथ पर चलने के लिये तेरी हिम्मत
बन जाता हूं ।
में तेरा विश्वास बनकर तेरे दिल में ही रहता हुं ॥
दूर गगन में एक तारा बनकर------------------------ जीवन पथ पर चाहे घोर अंधेरा हो . ।
छाये बादल काले हो ॥
कांटों भरी राह हो कदम बढ़ाना मुश्किल हो ।
में सूरज की पहली किरण बनकर "दिशा" तुम्हे दिखाता हुं।
दूर गगन में एक तारा बनकर-------------------------

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