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किस्मत तेरा चमकते-रहे सदा ही यार

संदीप कुमार सिंह 04 Sep 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 41708 2 5 Hindi :: हिंदी

किस्मत तेरा चमकते, रहे सदा ही यार।
खुशी हसी सब ही मिले, मिले तुझे सब प्यार।।

गम से मत हो सामना, खुशियां मिले अपार।
फूलों सा खिलते रहो, जीवन हो गुलजार।।

बाधा तुझको मत मिले, मिले सिर्फ तो फूल।
खुशबू बनकर तुम रहो, मानवता मत भूल।।

काम नाम अब सब करो, राही तूं है मस्त।
सक्रिय सदा ही तुम रहो, भाग्य नहीं हो अस्त।।

समय संग चल तुम सदा, होगा कभी न देर।
लक्ष्य ध्यान में रख चलो, होत नहीं अंधेर।। 

प्रेम भाव का ज्ञान रख, करो नहीं अभिमान।
दीप धरा पर तूं जला, अंकित करो निशान।। 

चाल ढाल को अरु बना, चमको जग में आप।
ह्रदय फूल सी ही रखो, प्रेम मंत्र कर जाप।।

अभिलाषा को नित जगा, राही चलता राह।
रुकता अपने लक्ष्य पर, खोता कभी न चाह।।

फौलादी रख जोश को, पत्थर को कर फूल।
हसीन सपनों को सजा,रहिए नित मशगूल।। 

जीने की  कुछ है कला, लोगों से रख प्यार।
अपना पन का भाव हो, करें नहीं तकरार।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Meenakshi Tyagi
Meenakshi Tyagi 👏👏

7 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति

6 months ago

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