Atul kumar Gupta 04 Apr 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत 3538 0 Hindi :: हिंदी
मुझे प्रेम हुआ.. तुम त्रेता की सीता हुई.. मैं कलियुग का राम हुआ.. तुम गंगा की बनारस हुई.. मैं अस्सी का घाट हुआ. तुम गीता की श्लोक हुई.. मैं महाभारत का क्रोध हुआ. तुम वाल्मीकि की रामायण हुई. मैं वेदव्यास का पुराण हुआ.. तुम कृष्ण की,रुक्मणि हुई.. मैं राधा सा, प्रेम हुआ.. तुम मीरा की भक्ति हुई मैं जहर से, अमृत हुआ.. तुम मिथिला की सीता हुई. मैं अयोध्या का राम हुआ.. तुम द्वापर की कृष्ण हुई. मैं सुदामा का मित्र हुआ.. Atul ✍🏻