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काश हकीकत में- अगर ये दिल खिलौना होता

संदीप कुमार सिंह 13 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5990 0 Hindi :: हिंदी

काश हकीकत में अगर ये दिल खिलौना होता।
तो कोई भी सचमुच में कभी भी तोड़ देता।
पर दिल _दिल होता है कोई खिलौना तो नहीं:_
अगर सिर्फ़ ऐसा ही रहता तो ये हसी जहां न होता
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार

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