Shiv Kishore 15 Jun 2023 शायरी अन्य हम यूं ही बोझ उठाते रहे , लोग आते रहे लोग जाते रहे , मेहरबानी उस अल्लाह _ताला की __ जिसकी बदौलत हम चार पैसे कमाते रहे । ___शिव किशोर ,शाहजहांपुर यूपी 6408 0 Hindi :: हिंदी
हम यूं ही बोझ उठाते रहे , लोग आते रहे लोग जाते रहे , मेहरबानी उस अल्लाह _ताला की __ जिसकी बदौलत हम चार पैसे कमाते रहे । ___शिव किशोर ,शाहजहांपुर यूपी