संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी कविता प्रेरणा से भरपूर है जो पाठकों के लिए बहुत ही उपयोगी रहेगा। 10534 0 Hindi :: हिंदी
दुख का साथी कौन है, सुख में तो सब साथ। रहते हरदम हैं मजे, रहे कांत में माथ।। दुख का साथी कौन है, पल पल लब पर राम। सुख में साथी हैं सभी, दुख में हैं भगवान।। सुख दुख दोनों ही मिले,दुख का साथी कौन। दोस्तों में ही मैं रहा,भक्ति भाव में मौन।। आज खुशी में हैं सभी, दुख का साथी कौन। रहते प्रभु से आस तब, जो हैं सबसे रौन।। डूबा हूं मैं सोच में, दुख का साथी कौन। भजन करूं प्रभु का सदा,आएं मेरे भौन।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....