Poonam Mishra 26 Dec 2023 ग़ज़ल समाजिक दिल को तुम्हारी तमन्ना है तुम्हारी आरजू है 6235 0 Hindi :: हिंदी
साथ जीने मरने की खाई थी तुमने कई कसमें जिंदगी के इस सफर में साथ चलने की रखी थी शर्तें कई जीवन के सफर में हम दोनों ने तय किए थे कुछ वादे जिस को सिर्फ तुम जानो या हम जाने या फिर यह खूबसूरत शाम जाने कुछ दूर ही तो तय किया था जिंदगी का सफर फिर न जाने क्यों? इतने सवाल उठने लगे हम पर कि तुम कुछ पीछे हो ।गए। मैं अकेला इस सफर में कैसे चलता रहूं ?जिसे तुमने एक वीरान जंगल में छोड़ दिया हो ! इंतजार करता रहा मैं उम्र भर! तुम्हारी. ना !तुम लौट कर आए ! ना शाम लौट कर आई! अब तो तुम्हारी तरह से ना कोई आवाज आती है । ना मेरी तरफ से कोई आवाज आती है । चारों तरफ एक भयानक सन्नाटा पसरा है !इस भयानक सन्नाटे में! मैं कैसे जीवन व्यतीत करूं? दिल में बहुत शोर है ? क्या तुम तक मेरी आवाज पहुंचती नहीं ? क्या दुनिया में इतना जोर है? कि तुम उन सबके सामने बेबस हो गई ।दिलमें बहुत हलचल है! जुबान पर एक शिकायत भी नहीं! दिल को आज भी न जाने क्यों? तुम पर इतना एतबार है। किसी शाम तुम यूं ही मेरी घर आ जाओगी ! उम्र का वह खूबसूरत पल न तुम्हारे पास है !ना मेरे पास है ! दिल को बस तुम्हारी आरजू है। तुम्हारी तमन्ना है मेरे पास यादों की एक बारात है कुछ तुम्हारे साथ गुजारे खूबसूरत यादें हैं