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वक्त और सोच

Mk Rana 30 Mar 2023 कहानियाँ अन्य 20443 0 Hindi :: हिंदी

 वक्त और सोच दो भाई थे
वक्त ने सोच से कहा मेरे साथ चल मैं तुझे कभी धोखा
नहीं दूंगा।
तुम्हरे हर कार्यों में मैं साथ दूंगा, पर साथ चलने की जरूरत है। सोच ने कहा ठीक है चलूंगा, साथ चलने लगे
 वक्त बड़ा था और सोच ,सोच से वक्त सामान्य गति से आगे बढ़ रहा था। एक दिन सोच बहुत आगे निकल गया, और वक्त का उपहास उड़ाने लगा
कहने लगा मुझ अपने साथ चलने कह रहा था और खुद पिछ छूट गया। वक्त एक सामान गति में बढ़ता गया। कुछ ऐसा हुआ जो बहुत दुखद था,
कॉरोना नाम का कोई जिव आया और सबको मारने पिटने लगा जिसमें कुछ मर जा रहे थे ।और कुछ घायल,  यह सब देख सोच आगे आया पर उन्हें उल्टा मुंह की खानी पड़ी ।
 वक्त ने लॉकडाउन को साथ लाया और लोगों को बचाने का काम करने लगा ।
सोच को समझ आ गया कि वक्त के साथ चलने में ही भालाई है, इसलिए वक्त के साथ चलने में सबका सम्पूर्ण जीवन खुशहाल है।

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