akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम आजादी के पचहत्तर साल पूर्ण होने पर मैं आप की पत्रिका साहित्य लाइव में प्रकाशित करने हेतु प्रेषित कर रहा हूं 74882 0 Hindi :: हिंदी
*आजादी के पचहत्तर साल* हुई पचहत्तर की आजादी अब नई अलख जगानी होगी देश के सभी युवाओं को अब इसकी शान बढ़ानी होगी ।। शहीदों की कुर्बानी की हमको याद दिलानी होगी तिरंगे की रक्षा की अब हमें सौगंध निभानी होगी।। अपने भारत देश की हमको सुंदर छवि बनानी होगी आतंकी और देशद्रोहियों को अब धूल चटानी होगी।। जाति -धर्म के नाम सुलगती आग तो हमें बुझानी होगी हिंसा फैलाने वालों पर बंदिश हमें लगानी होगी ।। भारत माता के दुश्मन को अपनी नज़र झुकानी होगी युवाओं को देश प्रेम की सीख हमें समझानी होगी।। नई पीढ़ी को संस्कारों की बातें हमें बतानी होगी जनगण मन , वंदे मातरम की परिभाषा समझानी होगी।। स्वास्थ्य सफाई और शिक्षा की घर घर ज्योति जलानी होगी सुंदर और उज्जवल भारत की झांकी हमें दिखानी होगी ।। विज्ञान और तकनीकी में प्रतिभा हमें दिखानी होगी भारत के प्रिय तिरंगे की विश्व में शान बढ़ानी होगी हुई पचहत्तर की आजादी अब नई अलख जगानी होगी...... रचियता --अखिलेश श्रीवास्तव एडवोकेट जबलपुर
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...