Bholenath sharma 14 Jan 2024 कविताएँ धार्मिक उड रही है पतंगे 2826 0 Hindi :: हिंदी
आज इस सक्रान्ति के अवसर पर उड़ाते है हर लोग पंतगे आज ये नीला गगन भी हो गया है। रंग विरंगे । उड़ रहै नीले गगन मे आज रंग विरंगे पतंगे , लेते आनंद छत पर खड़े जन , और उड़ाते है पतंगे ।