नवीनतम दुःखद रचनाएँ
वेदना
Abhinav chaturvedi
दर्द के आँसू, मन की बात कहते हैं।
कई दफ़ा आंखों में दब कर, तो कभी बयां बहकर करते हैं।
सीने में गुज़रे सारे लम्हे लफ़्ज़ो
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पछतावा
Ranjana sharma
रिया और अजीत की हाल में ही शादी हुई थी। अजीत मुंबई में जॉब करता था इसलिए शादी के बाद रिया को भी अपने साथ मुंबई ले आता
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मदद
Ranjana sharma
मालिक-मालिक मेरी मदद कीजिए मेरी मां को बचा लीजिए। क्या हुआ तुम्हारी मां को।मेरी मां पेट के दर्द से तड़प रही है उसे ज
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Deepak Kumar
Deepak Kumar
हीरे को परखना है तो अंधेरे का इन्तजार करो.
धूप में तो कांच भी चम्कता हैं
ज़िन्दगी में लक भी उसी का साथ देता है
जिसम
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# अव्यक्त ...
चिन्ता netam " मन "
# अव्यक्त ...
हुआ बहुत ही धोखा ,
इसमें ऐसा ही होता ...!
कहीं-कहीं रात चांदनी ,
कहीं अंधेरा होता ...!
प्रेम ग्रंथ के पन्ने ख
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बेटी की पुकार
सरफिरा लेखक
मार गिराई जालिमों ने
मैं चंद उम्र की बेटी थी
कभी खेलती आंगन में
कभी आंचल में लेटी थी।
क्यों मार गिराए मुझे
बस इत
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ब्याज टक्का
Akshay verma
मे अक्षय वर्मा,मैं जयपुर का रहने वाला हूं, मैं मध्यम वर्ग के परिवार से हूं ! मेरे परिवार में हम पाच लोग हैं,मैं मम्मी
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