Trishika Srivastava 30 Mar 2023 शायरी समाजिक खूबसूरत है जहाँ / नवंबर के महीने में / ज़िन्दगी की धुंध में / ये रात बावरी / खाली पड़े रहे 25652 0 Hindi :: हिंदी
(1). खूबसूरत है जहाँ, मौसम रंगीन है न जाने क्यों फिर भी, मेरा दिल ग़म-गीन है (2). नवंबर के महीने में मुझे छोड़ गया था हाँ! वो मुझसे सारे नाते तोड़ गया था (3). ज़िंदगी की धुंध में सब धुंदला दिखा वो वैसा नहीं था जो जैसा दिखा (4). ये रात बावरी मुझे बेचैन कर जाएगी सवा तीन तक हमें नींद कहाँ आएगी (5). खाली पड़े रहे क़िताब-ए-ज़िन्दगी के पन्ने कोई नहीं आया इन पर कहानी लिखने — त्रिशिका श्रीवास्तव ‘धरा’