मो. आमीर रजा 30 Mar 2023 शायरी अन्य अभी देर है 33202 0 Hindi :: हिंदी
रुकना नहीं कभी मंजिल मिले गी पर अभी देर है मुसीबत तो आती रहें गी तू समझना समय का फेर है ये दुनियां वाले तेरी खामियों को ढ़ूढ़ने निकल चुके हैं जब मिले गी कामयाबी तो आयेगें तेरे पीछे अभी देर है