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लक्ष्य- जब भी भी हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचना है तो हमें अपने लक्ष्य पर ही पूरा ध्यान देना चाहिए

Poonam Mishra 16 Jul 2023 कहानियाँ समाजिक लक्ष्य तक पहुंचेगा 11062 1 5 Hindi :: हिंदी

जब हम अपने जीवन के बहुत कठिन दौर से गुजर रहे होते हैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं तभी हमें अपनी राह पर हर दिन हर रोज एक नया चैलेंज का सामना करना पड़ता है हर दिन मुझे अपनी मंजिल से भटकने के लिए कोई न कोई ऐसा वाकया हो ही जाता है जिससे कि हम होकर गुजरते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचने की राह से भटक जाते हैं जैसे कि एक छोटी सी कहानी मैं आप लोगों के सामने प्रस्तुत करना चाहती हूं जो कि इस प्रकार है  एक राजा जब बहुत ही बूढ़ा हो जाता है अशक्त हो जाता है और राज्य का प्रशासन संभालने में  अपने आपको असक्षम महसूस करता है क्योंकि राजा की कोई संतान नहीं होती है तो वह चाहता है कि प्रजा से ही  कोई एक ऐसा योग्य युवक मिल जाए जिससे  अपने राज्य का कार्यभार सौंप करके निश्चिंत होकर इस दुनिया से विदा हो वह ऐसा सोचने लगता है तब वह अपने अंतिम समय में अपने मंत्री को बुलाता है और बोलता है कि राज्य में यह घोषणा करवा दीजिए कि सभी लोग मुझसे सुबह मिलने आएंगे तब मंत्री राजा से बोलते हैं कि राजा यदि आप इस तरह की घोषणा करवाएंगे तो पूरी प्रजा ही आपसे मिलने आ जाएगी क्योंकि सभी राजा बनना चाहेंगे l
तो राजा बोलते हैं कि नहीं !
आप पर यह घोषणा करवा दीजिए. और मेरे राज महल के बाहर राज्य की खूबसूरत नर्तकी के नृत्य की नाच गाना रख आइएगा अच्छे पकवान फल फूल मिठाई सभी तरह के स्वादिष्ट व्यंजन की व्यवस्था करिएगा! ऐसा लगना चाहिए कि बहुत बड़ा उत्सव राज्य में आज हो रहा है ! झूला लगाइए, जितना हो सके लोगों की सेवा के लिए खाने पीने का बहुत अच्छा प्रबंध करिए। ताकि प्रजा जब हमसे मिलने आए तो उस रास्ते से गुजरते हुए हम तक पहुंचे।
 राजा की  आज्ञा मानकर मंत्री ने ऐसा ही किया और उसने यह घोषणा करवा दी थी जो राजा से मिलने आएगा राजा उसे ही अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करेंगे दूसरे दिन सुबह ही सारी प्रजा राजा से मिलने को पहुंचती है राजा के महल तक पहुंचने में प्रजा ने देखा कि रास्ते में नाचने गाने का प्रबंध है खाने पीने का प्रबंध है सभी  राज महल के बाहर हुए व्यवस्था का आनंद लेने लगते हैं और उस माहौल में उलझ जाते है   सभी अपने अपने हिसाब से जो उन्हें अच्छा लगता है उसका मनोरंजन करने लगते हैं जिसको जो पसंद आता है  और वह भूल जाते हैं कि  वह राजा से मिलने आए हैं एक युवक सीधे इन सब से निकलकर राजा के महल तक राजा से मिलने पहुंचता है  युवक जो इन सब उलझन में ना फंस कर सीधे राजा के पास पहुंचता है और राजा को प्रणाम करता है बोलता है कि मुझे आपसे मिलने का बहुत ही ज्यादा इंतजार था मैं पूरी रात सोया नहीं कि मुझे राजा से मिलना है और जब तक मैं आपका दर्शन नहीं करता तब तक मुझे चैन नहीं मुझे आज्ञा दीजिए मुझे क्या करना है तब राजा मंत्री की तरफ देखता है और बोलता है कि देखो मैंने कहा था ना जो योग्य होगा वह इन सब भटगांव में नहीं  जाएगा और सीधे अपने लक्ष्य तक खुद चला  जाएगा और मैं इसे ही अपने राज्य का उत्तराधिकारी नियुक्त करता हूं और वह युवक पर अत्यधिक प्रसन्न होता है

 इस कहानी का यह उद्देश्य है कि जब भी भी हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचना है तो हमें अपने लक्ष्य पर ही पूरा ध्यान देना चाहिए ना कि आसपास के भटकाव से अपने आपको भटका दे


स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब।

8 months ago

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