Aarti Goswami 11 Mar 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत याद आ रही हैं कविता, यादों पर कविता 5434 1 5 Hindi :: हिंदी
"याद आ रही हैं" याद आ रही हैं तुम दोनो बहुत याद आ रही हैं तुम्हारी मासूम सी आंखे क्यूट सा चेहरा नन्हे नन्हे तुम्हारे पैर और छोटे छोटे से हाथ अपने छोटे से हाथ से मेरी ऊंगली को कस के पकड़ना जैसें की मुझे बोलना चाह रहे हों मौसी चलो बाहर गुमने चले और अपने पैरों को तो बेड पे लेटे लेटे ऐसे हिलाते हो जैसे अभी उठ के बाहर भागोगे तुम्हारी यही शरारतें याद आ रही हैं तुम दोनो की बहुत याद आ रही हैं तुम्हारा आधी रात को रोना दीक्षांत का मम्मा को परेशान करना तो दीक्षा का सिर्फ दूध पीके सो जाना दीक्षा की मासूमियत याद आ रही हैं तो दीक्षांत की पूरी रात अपनी मम्मा को जगाने वाली मस्तियां याद आ रही हैं तुम दोनो की भोली सी सूरत और प्यारी सी मुस्कान याद आ रही मेरे चीकू मिक्कू की बहुत या रही हैं ~'आरती गोस्वामी'✍️
1 month ago