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पर्व मकर संक्रांति का-सूर्य उत्तरायण हुए रुचिकर हुआ उजास

संदीप कुमार सिंह 15 Jan 2024 कविताएँ समाजिक समाज और जागरूकता # भाईचारा की कहानी # मानव धर्म सबसे बड़ा है # दुनिया प्यार से चलती है # आगे बढ़ने का हुनर # सामाजिक कौशल कैसे सीखें? साहित्य में महारत हासिल कैसे करें? साहित्य समाज का दर्पण है. निराशा मत हावी होने दो. भारत के लोग बहुत अच्छे हैं. भारतीय जांबाज सिपाही 3211 2 5 Hindi :: हिंदी

सूर्य उत्तरायण हुए,रुचिकर हुआ उजास।
पर्व मकर संक्रांति का,भव्य बहुत ही खास।।

सूर्य उत्तरायण हुए,देंगें सबको लाभ।
होगा दिव्य विकास अब,दिखे सभी अमिताभ।

सूर्य उत्तरायण हुए,अद्भुत पड़े प्रभाव।
दुष्ट भाव अब दूर हो,होगा मीठा चाव।।

सूर्य उत्तरायण हुए,अति शुभ है संकेत।
अनुचित चिन्तन त्याग दें,उत्तम होगा चेत।।

सूर्य उत्तरायण हुए,लाए संग वसंत।
खुशी जीव प्रत्येक में,होगा कभी न अंत।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Bholenath sharma
Bholenath sharma वाह बहुत ही सुन्दर

2 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह आपका हार्दिक आभार भाई

2 months ago

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