मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक यह नाशवान शरीर ही ईश्वर का मंदिर है, हमारा अंतःकरण हिर्दय में ही दिव्य देश का पता है। जहां हम सबको एक दिन जाना है। 8253 0 Hindi :: हिंदी
पहन चोला नाशवान, यह काया है झूठ। पर है ईश्वर का धाम, यही है दिव्य देश।। मोती-