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भीम

Shivam 11 Apr 2023 कविताएँ धार्मिक 6876 1 5 Hindi :: हिंदी

10000 हाथियों जितना बल था
उसके शरीर में,
हाथ में गदा और धनुष भी रखता साथ में।
पवन देव का अंश है वो बजरंगी का भाई,
 क्या युद्ध में उसे कर सका कोई धराशाई।
 क्रोध में था महाकाल और सौम्य नारायण,
 गदा युद्ध में श्रेष्ठ था तो मल युद्ध में सर्वश्रेष्ठ।
जब मैं लड़ता तो स्वयं काल प्रकट हो जाता था,
 आज इसकी बारी आई है काल निश्चिंत हो जाता था।
 मेरा युद्ध कौशल देख गुरु द्रोण और पितामह मुस्काते थे,
 जो मुझसे लड़ने आते वह लौट के घर ना जाते थे।
अतिरथी योद्धा होकर भी मैं महारथियों से लड़ता था,
 दुर्योधन दुशासन जैसे सभी योद्धाओं को मेरे नाम से डर लगता था।
 दुशासन का खून पिया और दुर्योधन की जंघा तोड़ी,
 ना जाने कितने योद्धाओं की गर्दन  मैने मोडी।
 समझ जाओ महाभारत से ना करो किसी नारी का मान भंग,
 वरना रहो सावधान हर युग में मिलता है इसका दंड।

Comments & Reviews

Rekha
Rekha Bahut aacha likha hai

10 months ago

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