Sudha Chaudhary 20 Aug 2023 ग़ज़ल अन्य #गजल # 16115 0 Hindi :: हिंदी
धूल में पांव जमा देते हैं चिंगारियां इतनी लगा देते हैं। सबसे पहले तो हम गए गुजरे इतनी सी बात पर सर डूबा देते हैं। सात रंगों में बिखर जाना साथी आसमान को चलो जमी कर देते हैं। किसके फुसलावे में फिसल जाते हो अपनी गैरत को बेनकाब कर देते हैं। किसी बात पर उनका अख्तियार नहीं ना उम्मीद को बेजुबान कर देते हैं। आज हैं कल का कोई ठिकाना नहीं हम तो पंछी हैं शाम को चल देते हैं। सुधा चौधरी बस्ती