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दर्द छुपाती बहुत हो

Poonam Mishra 01 May 2023 शायरी समाजिक दर्द छुपाती बहुत हो 4581 0 Hindi :: हिंदी

जिंदगी की इस भाग दौड़ 
भरी जिंदगी में ,
हम बहुत दूर निकल आए हैं ,
कुछ रिश्तो को निभाते ,निभाते,
 मैं थक चुकी हूं
 शायद मैंने इन रिश्तो  को, संभालने की कोशिश में, अपने
 आप को मैंने खो दिया 
 है लोग कहते हैं मैं, मुस्कुराती बहुत हूं पर मैं जानती हूं मैं दर्द छुपाती बहुत हूं

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