Manasvi sadarangani 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक जीवन 20207 0 Hindi :: हिंदी
जीवन बेशकीमती जीवन की कीमत नहीं जान पाया है, अहंकार में अपने, तूने सब गवाया है, लाखों के पीछे भाग रहा है तू, पर क्या अपने सांसों कि कीमत जां पाया है। श्रीमती मनस्वी सदारंगानी