मोती लाल साहु 10 Jun 2023 शायरी समाजिक यूं ना आंँखें तरेरना उसे, उठ गई- कहीं नज़र- तुम्हारी आ गई शामत- तू नज़र नहीं आएगा। 4986 0 Hindi :: हिंदी
यूं ना आंँखें तरेरना उसे, कहीं उठ गई नज़र। तुम्हारी आ गई शामत, तू नज़र नहीं आएगा।। -मोती
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