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अपने सपने को समजोता मत करो तुम

Disha Shah 01 Jun 2023 शायरी समाजिक 6369 0 Hindi :: हिंदी

अपने   सपने को 
समजोता मत करो तुम 
ये ज़िंदगी एक ही मिली है 
इससे युही जाने मत दो तुम 
जो करना है वो करो तुम 
अपनी ख़ुशी  को चुनो तुम 
क्या कहेंगे लोग की मत 
 सुनो तुम 
तुम अपना काम करो 
लोग तो बोलेंगे ही 
लोगो का काम है 
कहेना 
तुम आगे बढ़ो 
तुम को जो करना है 
वो करो 
आगे बढ़ो तुम 
अपने दिल की सुनो तुम 
आगे बढ़ो ज़िंदगी में तुम

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