Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 27840 0 Hindi :: हिंदी
* इल्तिजा * मैं जानता हूं कि तुम मुझे, एक दिन हमेशा-हमेशा के लिए, अकेला छोड़ कर चली जाओगी इंतजार कर रहा है तुम्हारा, एक बिखरा सा गुलशन, इस आस में कि तुम उसे, अपने हाथों से सजाओगी......! इसलिए , तुमसे ऐ मेरे "मन" बस यही इल्तजा है मेरी जब तक है संग तुम्हारा, मिल जाए मुझे इतनी चाहत तेरी... कि तन्हा जिंदगी से लड़ते-लड़ते जहां, थक जाए मेरे हौसलें, टूट कर बिखर जाए , दिल के सारे अरमान, सपने और इरादे.... संभल-संभल कर, मैं फिर गिर जाऊं सुनने वाला कोई ना हो , मेरी तड़पती आवाजें ,फरियादें.... वहीं पर मेरे लिए जीने का सहारा बन जाए तुम्हारी यादें,तुम्हारी यादें.….....! चिन्ता नेताम "मन"