Raj Ashok 12 Dec 2023 कविताएँ समाजिक मतलब 8717 0 Hindi :: हिंदी
मतलब, का ये खेल मेरे दाँव समझता है। ये दर्द भी अब मेरे घाव समझता हे। चोट कहाँ करनी है। पता, उन्हे जो मेरे हर -वार समझता है। खैर, उड़ते, पक्षियों पर लगाते, अब तो वो भी निशाने जो मुझे अपना शिकार समझते है। खेल, अब ये नशीब पे है । या तो हस्ती मिटगी, या रिश्ते शौक़ीन नहीं रहा। अब सबाब का, जो मुझे शराब समझते है।