Archana Singh 20 May 2023 कहानियाँ धार्मिक 🌼🍁🍁🌼 अटूट आस्था 🌼🍁🍁🌼 8903 0 Hindi :: हिंदी
नमस्ते दोस्तों 🙏🙏 दोस्तों ! आज की कहानी का शीर्षक मैंने रखा है " अटूट आस्था "! अटूट आस्था यानी पूर्ण रूप से परमात्मा पर विश्वास और जो परमात्मा पर विश्वास कर लेता है वह परमात्मा को सच्चे दिल से पा लेता है । चलिए ! आपको एक प्यारी सी कहानी सुनाती हूं ..... दो मित्र थे । दुनियादारी से और अपने गृहस्थ जीवन से उब चुके थे , तो उन दोनों ने तय किया कि अब वो परमात्मा की भक्ति में , उनकी शक्ति में लीन हो जाएंगे और सच्चा साधक बनेंगे । ऐसा सोचकर दोनों ने निश्चय किया कि वह अलग-अलग पहाड़ों पर जाएंगे और भगवान को अपनी-अपनी आस्था से उन्हें पाने की कोशिश करेंगे । पहला साधक एक ऊंची चोटी पर चला गया और एक पेड़ के नीचे भगवान की ध्यान करने लगा । कई महीनों तक उसने भगवान का ध्यान किया फिर 1 दिन भगवान ने अपना दूत भेजा । दूध उस पहले साधक के पास आकर बोला कि " तुम यहां कई महीनों से जप - तप कर रहे हो , आखिर तुम्हें क्या चाहिए " ....? पहले साधक ने कहा :" मैं परमात्मा की खोज में आया हूं । मैं उन्हें पाना चाहता हूं " । उस दूत ने कहा :" तुम जिस पेड़ के नीचे बैठे हो उस पेड़ की पत्तियों को देखे ".....? पहला साधक उस पेड़ की सारी पतियों को देखने लगा । फिर दूत ने कहा :" इस पेड़ में जितनी पत्तियां है तुम्हें उतने साल लग जाएंगे अपनी साधना में तब भगवान तुम्हें प्राप्त होंगे , लेकिन यह भी निश्चय नहीं है इतने सालों के बाद भी परमात्मा तुम्हें दर्शन देंगे भी या नहीं " । इससे वह पहला साधक थोड़ा सा खिन्न हो गया । उसे लगा " मैं इतने सालों तक तप करूंगा , उसके बाद भी परमात्मा को अगर नहीं पा सकूंगा तो मेरा यह जीवन ही व्यर्थ है " । वह निराश हो गया और उसकी आस्था डगमगा गई । उसने जप - तप छोड़ दिया और वापस अपने गृहस्थ जीवन में चला गया । वही दूत फिर दूसरे साधक के पास गया । उसने भी उससे वही सारी बातें कहीं । इस पर वह दूसरा साधक प्रसन्न मुख से बोला ... " हे महामुनी ! अगर ऐसा हो जाए तब तो मैं बहुत प्रसन्न हूं । अगर इस पेड़ पर जितनी पत्तियां है अगर उतने सालों के बाद मुझे परमात्मा के दर्शन हो जाए , ये निश्चीत है , तो मेरा तो ये जीवन ही सफल हो जाएगा । मैं परमात्मा को पाने के लिए अगले सात जन्मों तक जप करता रहूंगा , ,,, पर आपने कहा कि मुझे इसी जन्म में परमात्मा के दर्शन हो जाएंगे , तब तो मेरी जप - तप की आस्था और दुगनी बढ़ गई । यह सोचकर खुशी मन से वह अपने ध्यान में लग गया । उसे परमात्मा पर अटूट आस्था थी और सच में वह बहुत जल्द ही परमात्मा के दर्शन का पात्र बन गया । तो दोस्तों ! अगर आपकी आस्था अटूट है परमात्मा के प्रति , तो निश्चित ही परमात्मा के दर्शन , उनकी कृपा दृष्टि आप पर जरूर पड़ेगी। धन्यवाद दोस्तों 🙏🙏💐💐